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Chaangeri: कई बीमारियों की काट हैं चांगेरी।। ayurved chikitsa 1

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Published 13 Aug 2021

चांगेरी नाम से बहुत कम लोग अबगत होंगे लेकिन अगर हम कहे कि दादी या नानी पेट संबंधी समस्याओं के लिए चांगेरी या तिनपतिया खिलाती थी तो शायद आपको कुछ याद आयेगा। चांगेरी के पत्ते बहुत ही छोटे होते हैं पर औषधि के दृष्टि से बहुत ही गुणकारी और पौष्टिक होते है। चांगेरी या तिनपतिया के फायदों के बारे में जानने से पहले चांगेरी के बारे में जानना ज़रूरी है। #चांगेरी #Chaangeri #ayurvedchikitsa1 #AcharyaBalkrishna #AyurvedicTipc #BenefitsOfPalashPlant #AyurvedicTreatment #Fever #TyphoidFever #DigestiveSystem #ToothAche #Dandruff #EnergyDrink #UTIInfection #Cholestrol #NervousSystem #BloodPressure #WeightLoss #ImproveImmuneSystem #Gas #Acidity #HairLoss #Constipation #Infection #FungalInfection #BoloDrSaheb #DrAmitKumar #VidyaSagarAyurveda #AyurvedicMedicine #HomeRemedies चांगेरी क्या है? (What is Changeri?) चांगेरी का वर्णन आयुर्वेद-संहिताओं व निघण्टुओं में मिलता है। चरक-संहिता शाक-वर्ग व अम्लस्कन्ध में  इसका उल्लेख किया गया है तथा इसका प्रयोग अतिसार (दस्त)व अर्श (बवासीर)आदि के उपचार के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त सुश्रुत-संहिता के शाक वर्ग में भी इसका वर्णन किया गया है। इसके पत्ते एसिडिक प्रकृति (अम्लिय) के होते हैं, इसलिए इसे संस्कृत में अम्लपत्रिका कहा जाता है। इस पर पुष्प और फल वर्ष भर मिलते हैं।इसकी दो प्रजातियां होती हैं- 1. छोटी चांगेरी, 2. बड़ी चांगेरी। परन्तु मुख्यत छोटी चांगेरी (Oxalis corniculata Linn.) का प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है।

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