🌹uttrakhand kirtan mandli by laxmi bisht🌹
🌹lyrics🌹
कान्हा ऐसो जिया में समाए गयो रे..... मैं तो तन मन की सुध बुध गवा बैठी....
1.पनिया भरन सखी पनघट में जाऊं... श्याम सलोना को जल में निहारु.... खाली गगरिया घर लाए गयो रे.... मैं तो तन मन की सुध बुध गवा बैठी....कान्हा ऐसो जिया में समाए गयो रे.... मैं तो तन मन की सुध बुध गवा बैठी .....
2.फूल चुनन सखी बगिया में जाऊं.... फूलों में श्याम सलोना निहारु..... खाली टोकरिया घर लाए गयो रे.... मैं तो तन मन की सुध बुध गवा बैठी.... कन्हा ऐसो जिया में समाय गयो रे.....
3. भोजन बनाने रसोई में जाऊं.... बर्तन में श्याम सलोना निहारु.... भोजन बनाना मैं तो भूल गई रे.... मैं तो तन मन की सुध बुध गवा बैठी.... कान्हा ऐसो जिया में समाय गयो रे....
4. चारा लिवाने में खेतों में जाऊं.... चारे में श्याम सलोना निहारु.... खाली ही हाथ घर आए गयो रे.... मैं तो तन मन की सुध बुध गवा बैठी.... कान्हा ऐसो जिया में समाए गयो रे...
5. जमुना किनारे नहाने में जाऊं.... लहरों में श्याम सलोना निहारु..... लहर लहर लहराए गयो रे..... मैं तो तन मन की सुध बुध गवा बैठे...... प्रभु ऐसो जिया में समाय गयो रे..... मैं तो तन मन की सुध बुध गवाए गयो रे.....🙏🙏🌹🌹🌹🌹
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